रविवार, 13 सितंबर 2015

प्यार ये शब्द आज हर किसी बच्चे युवा व उम्र दराज  की जबान से सुनना एक आम सी बात हो गयी है मुझे तो इस शब्द का सही अर्थ भी नही पता है ,क्योंकि मुझे आज तक किसी से प्यार हुआ ही नही है ,लेकिन मेरे कुछ ऐसे मित्र है जिनको प्यार हुआ है उन लोगों ने इस चक्कर में अपने कैरियर तक को दाव में लगा दिया है घर माँ बाप भाई बहन तथा अपनी नौकरी तक को दाव में लगा दिया है ,और आज उन लोगों की हालत बद से बदतर हो गयी है खैर कोई बात नही है ये तो वही प्यार किया तो डरना क्या ? वैसे जंहा तक मेरा सोचना है हम प्यार को तीन प्रकार से बिभाजित कर सकते है  पहला सत्तर के दशक का प्यार जिसमे जिसमे लड़का और लड़की को ये बताने में सालों गुजर जाते थे कि वो एक दूसरे से बेहद प्यार करते है कई बार तो ऐसा होता था की वो एक -दूसरे को ये बता पाते थे उससे पहले उन लोगों का विवाह कहीं और किसी दूसरी लड़की के साथ हो जाता था, और उनका प्यार वहीँ एक अनचाहा सपना बनकर रह जाता था कोई उसे समझ भी नही पाता था वहीँ से उनके रास्ते अलग -अलग हो जाते थे , दूसरे प्रकार का प्यार जो अस्सी और निन्नबे के बीच का है जिसमे लड़का और लड़की एक -दूसरे को प्रेम पत्र देकर अपने प्यार को जाहिर करते थे ,प्रेम-पत्र एक दूसरे तक पहुचाने के लिए ये लोग अपने छोटे भाई बहन ,मित्र  या कॉपी-किताब डायरी आदि का उपयोग एक कॉमन बात थी इसमे भी एक कॉमन बात थी एक -दूसरे से मिलने के लिए तरसना रोना तमाम प्रकार की अड़चने होती थी प्रेमी-प्रेमिका अपने घर परिवार समाज से बगावत करते कई बार प्रेमिका के घरवाले उसका किसी दूसरे लडके से कर देते,और उनके परिजन सोचते की अब वे एक -दूसरे को भूल गये लेकिन ऐसा नही होता है क्योकि वो एक -दूसरे को कभी भूल ही नही पाते है  ता उम्र सिर्फ ये सोच कर जीते  है की शायद कभी वो एक -दूसरे से मिल सकेंगे, क्योकि उनके परिजन उन्हें ऐसे रिस्ते से बांधते है जिसे वो कभी मानते ही नही है कई बार तो भयानक परिणाम हमारे सामने आते है जिसकी कभी हमने कल्पना ही नही की होती है उदाहरण के   तौर पर एक लड़का ऐसी लड़की को चाहता है जिसके बारे में वो कभी अपने परिजनों को बता ही नही पाता है इसी बीच लडके का विवाह उसके परिजन किसी दूसरी लड़की के साथ कर देते है जब उस लड़की को अपने प्रेमी के विवाह के बारे में पता चलता है तो लड़की आत्महत्या कर लेती है लड़का परिजनों द्वारा जबरदस्ती बंधे गये इस रिश्ते को कभी स्वीकार ही नही करता है तथा वो अपनी पत्नी से हमेशा दुरव्यवहार  करता है समय के साथ उसके बच्चे बड़े होते है वो उन बच्चों को भी एक अच्छे पिता का प्यार नही दे पाता है उसके बच्चे हमेशा यही सोचकर रोते रहते है की उनके पिता उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों करते है वे बच्चे अपने पापा का प्यार कभी नही पा पाते है जबकि उन बच्चों की कोई गलती ही नही है ,उस लडके  तथा उसके परिजनों की एक गलती  की वजह से दो इंसान ही नही दो हंसते परिवार बिखर जाते है और वे बच्चे जिनका कोई कसूर ही नही है,
भारत में बहुत ही कम लोग प्यार मोहब्बत या इश्क के पक्षधर है हमारे यंहा प्यार को लोग बहुत ही कम तवजो देते है बल्कि जाति -धर्म तथा अपने परिवार की मन -मर्यादा को लेकर लोग अपने ही बच्चों को लोग अपने उन्ही हांथो से मौत के घाट उतार देते है जिनसे उन्हें बचपन में खिलाया पिलाया तथा अपने कन्धों बैठाल कर दुनिया देखना सिखाया है ,अगर कोई लड़का और लड़की एक-दूसरे से प्यार करते है और दोनोे एक ही जाति -धर्म से तालुक रखते है तो भी उनके परिजन उनका विवाह नही करते है क्योकि तब उनके परिजन गोत्र को देखते है अगर दोनों का गोत्र एक होता है तो वे लोग उन्हें भाई बहन मान लेते है,कई जगह उनके परिजन तो तब हद कर देते है जब वो उस लडके को उसकी प्रेमिका से जबर्दस्ती राखी बंधवाते है एक बार मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि वो जिस लड़की से प्यार करता है वो दूसरे धर्म की है और उनके परिजन इस सम्बन्ध को कभी स्वीकार ही नही करेंगे,उसने एक अजीब बात मुझसे कही है "कि अगर उसके घर का कुत्ता भी उसका सहयोग करे, तो वो इस सम्बन्ध को कर लेगा" कई बार हमारे परिजन अपने बच्चों के रिश्ते तय कर देते है और उनको एक दूसरे के बारे में बता कर इतना  परेशान कर देते है कि उनको न चाहते हुए भी एक -दूसरे से प्यार हो जाता है मित्रो कहते है कि प्यार अँधा होता है शायद सच है लेकिन मुझे नही पता कई बार मेरे मित्र मुझसे कहते है तुम क्या जानो प्यार क्या होता है और कैसे होता है लेकिन मित्रो मैंने कई बार कोशिश की मुझे भी प्यार हो पर कभी हुआ ही नही लोग कहते है की प्यार पत्थर में भी जान डाल देता है लेकिन मुझे क्यों नही होता है कोई बात नही पर कोशिश करता रहूँगा शायद कभी हो ही जाएगा,हमारी पीढ़ी का प्यार तीसरे प्रकार है जो बहुत ही मॉर्डन और हाईटेक है आज तो हम लोग प्रेम-पत्र और डायरी को जैसे भूल ही गये है ये सब गुजरे ज़माने की बातें है पहले प्रेमी-प्रेमिका छुप -छुप के मिलते थे पर आज तो कई जोड़े आपको पार्को शॉपिंग मॉल तथा सार्वजनिक में बाँहों में बाहें डाले देखने को मिल जाएंगे प्रेम-पत्र की जगह अब स्मार्टफोन के मैसेज ले चुके है पहले जैसे मिलने के लिए प्रेमी -प्रेमिका अब तरसते और रोते नही है स्काइप के जरिए घंटों एक-दूसरे से मिलते है और परिजनो का डर भी नही,आज हम २१ शदी में जी रहे है लेकिन हमारे समाज में आज भी लोग प्यार करने वालों को जाति -धर्म के नाम पर मौत के घाट उतार देते है अब हमारे यहाँ खाप पंचायतें बैठती है और वे प्यार करने वालों को जिन्दा जला देती   है अब समाज बदल रहा है माता -पिता भी थोडा बच्चो की भावनाओ को समझने लगे है कई जगह तो प्रेमी-प्रेमिका के परिजन भी दोनों का विवाह करा देते है ऐसे रिश्ते ज्यादातर पैसे वाले परिवारों में देखने को मिलते है , अब तो ब्रेकअप तथा एक तरफ़ा प्यार के काफी मामले सामने आ रहे है और इन मामलों में कई बार ऐसा देखने को मिलता है की प्रेमी या प्रेमिका दो में से कोई एक अपने प्रेमी या प्रेमिका को भूल ही नही पाते है और वे आत्महत्या तक कर लेते है
 
"जिंदगी एक खूबसूरत  फूल की तरह है और प्यार उसमे  शहद की तरह घुला है इसलिए प्यार के अहसास को समझे और प्यार को कभी नफ़रत न बनने दे "